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    शैक्षणिक श्रति पूर्ति कार्यक्रम (सीएएलपी)

    शैक्षणिक हानि की भरपाई कार्यक्रम (CALP) भारत सरकार द्वारा एक पहल है, जिसका उद्देश्य विभिन्न व्यवधानों जैसे प्राकृतिक आपदाओं, महामारियों या अन्य अनपेक्षित परिस्थितियों के कारण होने वाली शैक्षणिक हानि को संबोधित करना और उसे कम करना है, जो नियमित शिक्षा प्रक्रिया में विघ्न उत्पन्न करती हैं।

    CALP का उद्देश्य:
    शैक्षणिक हानि की भरपाई कार्यक्रम (CALP) का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि छात्रों, विशेष रूप से प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा के छात्रों, को व्यवधानों के कारण पीछे न रह जाएं। यह कार्यक्रम शैक्षणिक हानि की भरपाई करने के लिए अतिरिक्त समर्थन प्रदान करता है, जैसे:

    पूरक अध्ययन मॉड्यूल (Supplementary Learning Modules): खोई हुई सामग्री को कवर करने के लिए अतिरिक्त पाठ्यक्रम या गतिविधियाँ।
    विस्तारित स्कूल घंटे (Extended School Hours): पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए अतिरिक्त कक्षाएँ या विस्तारित समय।
    ऑनलाइन और डिजिटल शिक्षा संसाधन (Online and Digital Learning Resources): स्कूल बंद होने के दौरान छात्रों को अध्ययन के अवसर प्रदान करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग।
    ब्रिज कोर्स (Bridge Courses): छात्रों को छूटे हुए पाठों को पूरा करने में मदद करने के लिए संक्षिप्त पाठ्यक्रम।

    CALP की मुख्य विशेषताएँ:
    केंद्रित अध्ययन (Focused Learning): CALP खोए हुए अध्ययन को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करता है, जबकि यह सुनिश्चित करता है कि छात्र अपेक्षित शैक्षणिक मानकों को पूरा करें।
    विशिष्ट आवश्यकताओं के लिए अनुकूलन (Customization for Specific Needs): यह छात्रों की विशिष्ट शैक्षणिक आवश्यकताओं के अनुसार हस्तक्षेप को अनुकूलित करता है, विशेष रूप से साक्षरता और गणनात्मक कौशल जैसे बुनियादी विषयों पर ध्यान केंद्रित करता है।
    मूल्यांकन और निगरानी (Monitoring and Evaluation): CALP के तहत छात्रों की प्रगति को नियमित रूप से मूल्यांकित किया जाता है और कार्यक्रम में आवश्यक समायोजन किए जाते हैं।
    शिक्षक प्रशिक्षण (Teacher Training): शिक्षकों को CALP को प्रभावी ढंग से लागू करने और व्यवधानों के कारण उत्पन्न शैक्षणिक अंतराल को संभालने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।

    CALP का कार्यान्वयन:
    राज्य और स्थानीय सरकार की पहल (State and Local Government Initiatives): CALP आमतौर पर राज्य शिक्षा विभागों और स्कूलों के माध्यम से राष्ट्रीय पहलों के समर्थन से लागू किया जाता है।
    हाइब्रिड मॉडल (Hybrid Model): परिस्थितियों के अनुसार, CALP को व्यक्तिगत कक्षाओं, डिजिटल प्लेटफार्मों, या दोनों के संयोजन के माध्यम से लागू किया जा सकता है।
    CALP का लक्ष्य यह है कि छात्रों को शैक्षणिक रूप से जो भी हानि हुई है, उसे दूर किया जाए, ताकि उनके शैक्षणिक प्रगति में कोई विघ्न न आए और वे किसी भी व्यवधान के बावजूद अपने अध्ययन को पूरी तरह से जारी रख सकें।